संतुलित जीवन के आयाम।


चन्‍द्रशेखर संगाेई        
 
8 minute read
कोरोना महामारी के चलते भारत में जब लॉकडाउन शुरू हुआ, तब सभी लोगो ने सोशल मीडिया के माध्यम से लॉकडाउन में उनके रोजमर्रा के कार्यों की झलकियाँ डाली। चूँकि लॉकडाउन अपने आप में एक विचित्र घटना थी, जिसके कारण करोड़ो लोग एक साथ महिनो तक घर मेें रूकने के लिए मजबूर हुऐ इसी समय का आप लोगो ने अपने-अपने तरीके से उपयोग किया। हाँलाकि आवश्‍यक सेवा (इसेंशियल सर्विसेज) क्षैत्रो में कार्य कर रहे लोग लॉकडाउन के दौरान भी अपने कर्तव्य निभाते रहे।

साधारण दिनों में आप चाहे लगातार अपनी आजीविका के कामों में डूबे (workaholic) रहे हो अथवा लॉकडाउन के दौरान लगातार महीनों तक घर में बेठे रहे हो, दोनों ही स्थितियों में आप लगातार लम्‍बे समय तक नहीं रह सकते। दोनों ही स्थितियाँ जीवन के विकास के अनुकूल नहीं होती है। दोनों ही स्थितियों में जीवन की सुंदरता समाप्त हो जाती है और जीवन निरस होने लगता है। अधिक समय तक निरसता पूर्ण जीवन जीते रहने के कारण आपको जीवन महत्‍वहीन लगने लगता है। दैनिक कार्यो में मन न लगने के कारण आपका विकास रूक जाता है। मानसिक तनाव बढ़ता है, एक गहरी अशांती आपको घेर लेती है। लम्‍बे समय में यह अशांती अवसाद (डिप्रेशन) पैदा करती है।

अतः जीवन की सुंदरता एवं नवीनता बनाए रखने के लिए, जीवन में संतुलन की आवश्यकता होती है। लेकिन जीवन में संतुलन कैसे बनाया जाए? वे कौन सी आदतें है जिन्हें अपनाने पर जीवन में संतुलन आता है? नीचे लिखी 8 छोटी-छोटी आदतें आपको यह संतुलन बनाने में कारगर सिद्ध होगी।

1)     सीखना जारी रखें।

क्या आप कीपैड मोबाइल में 4G नेटवर्क चलाना पसंद करेंगे? नहीं वैसे ही यदि आप समय के साथ अपने ज्ञान को अपडेट नहीं रखेंगे तो आप की उपयोगिता भी सीमित हो जाएगी। इसका सीधा असर आपकी आजीविका पर पड़ सकता है, बशर्ते आप शासकीय कर्मचारी ना हो! 21वीं सदी में आपकी उपयोगिता बनाए रखने के लिए आपको निरंतर सीखते रहना चाहिए। रोजाना कुछ नया सीखने की आदत डालें। आपके जीवन उपयोगी विभिन्‍न विषयो पर पुस्‍तके पढ़ें। सीखने के कई माध्यम हो सकते है, इंटरनेट उनमें से एक अत्‍यंत महत्‍वपूर्ण माध्‍यम है। इंटरनेट का सही दिशा में उपयोग कर आप सीखना जारी रखें YouTube जैसे कई वीडियो प्लेटफार्म इसमें आपकी सहायता करेंगे। इंटरनेट पर हजारों किताबें विभिन्न वेबसाइट्स पर उपलब्ध है, जिन्हें आप मुफ्त में या बहुत कम खर्च पर प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा बहुत से  सरकारी और निजी संस्‍थान विभिन्‍न प्रकार के प्रमाणित (सर्टिफाइड़) ऑनलाइन कोर्स उपलब्‍ध कराते है। जिनकी जानकारी का लेख पढने के लिए यहाँ क्लिक करें। इन सब माध्‍यमो का उपयोग कर आप अपने वर्कप्लेस पर उपयोग होने वाले कौशल (स्किल्स) के अलावा अन्य कौशल सीख सकते हैं। इन कौशल का उपयोग कर आप  अपने कार्यो में निरंतर बेहतर प्रदर्शन कर सकेगें। साथ ही रोजमर्रा की घटनाओं से परिचित रहकर आप फ्रेंड्स के साथ गपशप (गॉसिप्स) करने में एवं सोशल मीडिया पर अपना अच्छा प्रभाव छोड़ सकते हैं। आप जिनको भी सफल व्यक्तित्व के रूप में देखते हैं उन सब व्यक्तियों के जीवन के बारे में अधिक जानने पर आप पायेगें की लगातार सीखते रहने की आदत सामान्यता उन सभी व्यक्तियों में थी/है।

2)    सोशल मीडिया का सीमित उपयोग करें।

इस सदी में सोशल मीडिया का उपयोग आपके लिए बेहद जरूरी है। सोशल मीडिया ने कई मायनों में आपके जीवन को बहुत आसान बनाया है। बहुत से कठिन कार्यों को आसान कर दिया है। परंतु सोशल मीडिया का उपयोग उतने समय के लिए ही ठीक है, जब तक यह आपके जीवन में तनाव उत्पन्न ना करें। सोशल मीडिया को सीमित समय तक उपयोग किया जाए तो यह उन्नति का एक उपयोगी साधन है। अन्यथा यह मानसिक तनाव उत्पन्न कर आप के विकास में बाधा बनता है। शोधकर्ताओ एवं मनोचिकित्‍सको के अनुसार सोशल मीडिया का अत्यधिक उपयोग आपको अवसाद का शिकार भी बना सकता है।

3)    स्वयं के लिए समय दें।

जिस तरह शरीर की थकान दूर करने के लिए उसे समय-समय पर आराम की आवश्‍यकता होती है, उसी प्रकार अपने मस्तिष्क को उर्जावान बनाए रखने के लिए थोड़ा प्रयास आवश्‍यक है। स्वयं का समय वह समय है जिसमें आप अकेले, स्‍वंय के साथ होते हैं आपकी प्रकृति के अनुसार आप अपना समय बिता सकते हैं। एकांत में कुछ समय बैठना, प्रकृति को निहारना, उगते/ढलते सूरज को देखना, आसमान में उड़ते हुए पंक्षियों को आँखों से ओझल होने तक देखना जैसे अनेको दृश्‍यो को देखना। आत्‍मनिरीक्षण करते रहें। बिना कोई धारणा बनाये लोगो के क्रियाकलापों को निहारें। रोजाना स्वयं को दिए जाने वाला  समय आपके मस्तिष्क को नई ऊर्जा से ओतप्रोत करेगा।

4)    अपने स्वास्थ्य की गुणवत्ता बनाए रखें।

अंग्रेजी की एक कहावत है, prevention is better than cure (अर्थात बीमारी आने से पहले ही रोकथाम किया जाना बेहतर है)। यदि आपका स्वास्थ्य ठीक रहेगा तो आप अपने सभी कार्य समय पर एवं अच्छी गुणवत्ता के साथ करने में सक्षम रहेंगे। अच्छे स्वास्थ्य से अस्पतालों एवं दवाइयों का खर्च तो बचेगा ही आप मानसिक तनाव से भी बचे रहेंगे। स्वयं को स्वस्थ बनाए रखने के लिए रोजाना थोड़ा योगा/ प्राणायाम/ व्यायाम करें। उचित मात्रा में नींद लें। उच्च प्रोटीन, विटामिन एवं मिनरल युक्त भोजन ग्रहण करें। जहाँ तक हो सके बाहरी भोजन पर अधिक निर्भर रहे। भोजन में सलाद, मोटे अनाज एवं फलों का समुचित उपयोग करें। मौसमी फलों को अधिक से अधिक उपयोग करें। प्रत्येक भारतीय मसाले जैसे लौंग, इलायची, अजवाइन, हींग, तेजपत्ता, तिल, काली मिर्च, दालचीनी, जीरा, सौंफ, करी पत्ता और भी अन्य, में औषधीय गुण होते हैं। लॉकडाऊन के दौरान रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आपने इनका उपयोग किया ही होगा व इनके औषधीय महत्‍व को भी समझा होगा। आवश्यकतानुसार आगे भी इनका उपयोग जारी रख, स्‍वंय को स्वस्थ बनाये रखें।

5)    अपने परिवार के लिए समय निकालें।

अपने जीवन के व्यस्त क्रियाकलापों से रोजाना थोड़ा समय निकालकर परिवार के साथ बिताएं। केवल शारीरिक ही नहीं बल्कि मानसिक रूप से भी उनके साथ रहे। जब परिवार के साथ रहे तो कोशिश करें कि उस समय आप केवल उनके ही साथ रहे। मोबाइल या अन्य कार्यों पर आपका ध्यान व्यस्त रहे। अपने बच्चों के साथ बच्चे बनकर खेलें। उनके दैनिक क्रियाकलापों को सुनें। उनमें अपनी दिलचस्पी दिखाएं। जो माता-पिता (पेरेंट्स) अपने बच्चों के साथ अधिक समय बिताते हैं, उन बच्चों और पेरेंट्स के बीच एक दूसरे की भावनाओं को समझने की शक्ति अधिक होती है। यह समझ उस समय अत्यधिक काम आती है जब बच्चे बड़े हो जाते हैं।  "एक दूसरे की भावनाओं की समझ" की यह डोर बच्चे और पेरेंट्स को एक दूसरे से कभी दूर नहीं होने देती, चाहे शारीरिक रूप से वे कितने ही दूर रहे।

6)    अपने घर के अर्थशास्त्र को समझें और उसके अनुरूप फैसले लें।

एक कहावत है की 'पैर उतने ही फैलाए, जितनी बड़ी आपकी चादर है' आपके खर्च आपकी कमाई के अनुरूप होना बेहद जरूरी है। बड़े सपने देखना ज़ायज है, लेकिन बड़े सपनों को पूरा होने में समय भी ज्यादा लग सकता है। बड़ा घर, बड़ी गाड़ी और अन्य सुख सुविधाओं के साधनों की योजना किसी अन्य को देखकर बनाएँ। क्योंकि किसी अन्य की आर्थिक स्थिति आप से भिन्न हो सकती है। आप अपनी लघु एवं दीर्घ अवधि के लक्ष्य अपनी आमदनी के अनुरूप बनाएँ। आवश्यकता एवं आमदनी के अनुरूप ही अपना क्रेडिट (लोन) रखें अन्यथा थोड़ी ही वित्‍तीय अनियमितता आने पर आप डिफाल्टर घोषित हो सकते हैं। वित्‍तीय सलाहकारो के अनूसार आपकी मासिक EMI आपकी मासिक कमाई के 40 प्रतिशत से अधिक नही होना चाहिए। अधिक धन कमाने के लिए लगातार प्रयास करते रहना तो ठीक है, परन्‍तु स्‍वंय को हमेशा अमीर दिखाने का प्रयास आपकी आर्थिक स्थिति बिगाड़ सकता है। आपकी स्वस्थ आर्थिक स्थिति आपको मानसिक तनाव से बचाएगी एवं आप को प्रगति की ओर लेकर जाएगी। जिससे उचित समय आने पर आप सुख सुविधा के अन्य संसाधन भी जुटा सकेंगे।

7)    सहायता करें।

आपके जीवन में कितनी ही बार ऐसा समय आया होगा जब आपको छोटी सी सहायता की आवश्यकता थी। इनमें से कई बार आपको सहायता मिली होगी और कई बार मिली होगी। दोनों ही स्थितियों में आप छोटी सी सहायता की उपयोगिता को समझते होंगे। यदि किसी अन्य को आपकी सहायता की आवश्‍यकता हो, तो आपकी क्षमता के अनुरूप उसकी सहायता अवश्‍य करें। आवश्‍यक नहीं है कि यह सहायता पैसों की ही हो। कभी-कभी किसी के लिए एक मुस्कान भी बहुत बड़ी सहायता बन जाती है। रक्‍तदान, किसी का मार्गदर्शन करना, हमारे लिए अनुपयोगी हो गयी वस्‍तु को जरूरतमंद को देना जैसी छोटी सहायता से आप शुरूआत कर सकते हैं। केवल इस बात का जरूर ध्यान रखें की इस सहायता के बदले आप उस व्यक्ति से कोई अपेक्षा ना रखें। इस प्रकार बिना अपेक्षा रख कर की गई छोटी सी सहायता भी आपको बड़प्पन की स्थिति में ले जाती है। जिससे आपके अन्‍दर नई ऊर्जा का प्रवाह होता है

8)    प्रकृति को अपना योगदान देते रहें।

माँ प्रकृति हम सब जीवो में भेदभाव किये बिना जीवन यापन के लिए उपयुक्‍त संसाधन प्रदान करती है। और हम बदले में प्रकृति को केवल विनाश ही देते हैं। कुछ समय प्रकृति से जुड़े, उसे समझने का प्रयास करें। हमारे द्वारा प्रकृति को पहुँचाई गई क्षति के बदले कुछ नया देने का प्रयास करें।  नए पेड़ लगाएँ। छत पर या आंगन में पक्षी鮃ఀयों के लिए अनाज , पानी रखें और संभव हो तो आसपास के जानवरो के लिए भी पानी की उपलब्‍धता बनायें। कम ऊर्जा पर चलने वाले विद्युतीय एवं अन्य उपकरणो का उपयोग करें। यदि संभव हो तो छोटी दूरियाँ पैदल तय करें जिससे प्रदूषण भी कम होगा एवं स्वास्थ्य लाभ भी होगा। जब आप विनाश की अपेक्षा सृजन का काम करेंगे तो आपके अंदर एक नई ऊर्जा का संचार होगा। सृजन की यह ऊर्जा आपके जीवन को रोमांच से भर देगी

मस्तिष्क नई आदतों का घोर विरोधी होता है, चाहे वह आदतें आपको कितना ही फायदा क्यों पहुँचाने वाली हो। यह संभव है कि इन सभी नई आदतों को अपनाने में आपको आंतरिक विरोधाभास झेलना पड़ेगा। इन आदतो को अपनाने में आपको अधिक समय लग सकता है और कुछ कठनाईयों का सामना भी करना पड़ समता है। परंतु मैं यह पूरे यकीन के साथ कह सकता हूँ की यदि एक बार आप इन आदतों पर कार्य करते हुए स्वयं को इनके अनुरूप ढाल लेंगे, तब आप स्वयं को एक उच्च तल  पर पाएंगे। उस तल पर आपके जीवन में संतुलन होगा। आपके मस्तिष्क की समझ का विस्तार होगा। आप जीवन और अधिक  जागरूकता के साथ जीयेंगे। यह जागरूकता आपके जीवन में संतुलन बनाने में कारगर होगी।

( इन आदतों  में  से कोन सी  आदत आपको सबसे सरल/कठिन ज्ञात होती है और क्‍यों? कृपया आपके विचार कमेंट बाक्‍स में अथवा simplewords48@gmail.com पर अवश्‍य साझा करें।)

Comments

  1. बहुत ही उत्तम विचार।🙏🙏

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  2. Esse padhne se Mera pure past machine ka job ke Karan aane vala tension release hoo Gaya ! Bhut bhut bhadhai hoo apko is lekhan se bhut madat Mili.

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  3. That was fabulous..👌👌👌

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  4. बहुत अच्छे।।।

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