संतुलित जीवन के आयाम।
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चन्द्रशेखर संगाेई 8 minute read कोरोना महामारी के चलते भारत में जब लॉकडाउन शुरू हुआ , तब सभी लोगो ने सोशल मीडिया के माध्यम से लॉकडाउन में उनके रोजमर्रा के कार्यों की झलकियाँ डाली। चूँकि लॉकडाउन अपने आप में एक विचित्र घटना थी , जिसके कारण करोड़ो लोग एक साथ महिनो तक घर मेें रूकने के लिए मजबूर हुऐ । इसी समय का आप लोगो ने अपने - अपने तरीके से उपयोग किया। हाँलाकि आवश्यक सेवा (इसेंशियल सर्विसेज) क्षैत्रो में कार्य कर रहे लोग लॉकडाउन के दौरान भी अपने कर्तव्य निभाते रहे। साधारण दिनों में आप चाहे लगातार अपनी आजीविका के कामों में डूबे (workaholic) रहे हो अथवा लॉकडाउन के दौरान लगातार महीनों तक घर में बेठे रहे हो , दोनों ही स्थितियों में आप लगातार लम्बे समय तक नहीं रह सकते। दोनों ही स्थितियाँ जीवन के विकास के अनुकूल नहीं होती है। दोनों ही स्थितियों में जीवन की सुंदरता समाप्त हो जाती है और जीवन निरस होने लगता है। अधिक समय तक निरसता पूर्ण...